पंचगव्य औषधि अनुसंधान

गौवंश आधारित भारतीय परम्परा में पंचगव्य एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। इस विद्या का वर्णन प्राचीन शास्त्रों में विस्तृत रूप से लिखित है। 

पंचगव्य देसी गौवंश के पाँच तत्वों से मिलकर बनता है। जिसमें भारतीय प्रजाति की गौ का दूध, दही, घी, मूत्र और गोवर शामिल है। यानी गौवंश से प्राप्त सभी तत्वों में औषधि गुण विद्यमान हैं। 

शांतिधारा पंचगव्य अनुसंधान केंद्र में शास्त्रोक्त विधि से औषधि निर्माण का कार्य होता है। यहाँ पर लगभग सभी रोगों के लिए औषधि निर्माण होता है। 

शांतिधारा पंचगव्य औषधियों से हजारों मरीजों को लाभ हो चुका है। दीर्घ काल से अंग्रेजी दवाइयों का प्रयोग करने के बाद हताश मरीज जब शास्त्रोक्त विधि से संपन्न शुद्ध पंचगव्य औषधि से लाभान्वित होते हैं तो हर्ष से अपने विचारो को व्यक्त करते हैं। आप भी इन मरीजों के विचारों को देखकर इन औषधियों के गुण जानकर अपना सकते हैं। शांतिधारा निर्मित पंचगव्य औषधियों को निम्न सूची से देख कर आप ऑर्डर कर सकते है। बीमारी और औषधि के विषय में और जानकारी लेने के लिए निम्न हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकते है।