नवम मासानुमासिक कल्प (9th Masanumasik kalp)
नवम मासानुमासिक कल्प (9th Masanumasik kalp)
मासानुमासिक कल्प- नवम मास
(सुश्रुत संहिता)
प्रयुक्त सामग्री:– यष्टिमधु, दूर्वा, सारिवा, क्षीरकाकोली, सिता ।
लाभ:– DNA को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने में, भ्रूण को पोषण देने में, फेफड़ों के पूर्ण विकास में, शिशु की आंखें खोलना बंद करना मुट्ठी खोलना बंद करना आदि में, इस माह के अंत तक शिशु को गर्भाशय के नीचे खिसकाने में, शिशु के सर्वांगीण विकास में सहायक एवं नॉर्मल डिलीवरी में सहायक है।
सेवन विधि:– वैद्यकीय परामर्शानुसार अथवा
10-10 ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें।
सावधानियां:–
1. भारी सामान को ना उठाएं।
2. लंबे समय तक बैठे या खड़े ना रहे।
3. प्रसव से संबंधित नकारात्मक विचारों से बचें।
4. हाइड्रेट रहने के लिए पर्याप्त पानी पीते रहे।
5. कुशल वैद्य एवं प्रसवकर्ता के संपर्क में रहे।
मात्रा:–600ग्राम
मूल्य:–600/-
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