पंचगव्य घृत (Panchgavya Ghrit)
पंचगव्य घृत (Panchgavya Ghrit)
लाभ - अपस्मार, उन्माद, क्षय, श्वांस, गुल्म, उदर/ पेट दर्द में लाभदायक। पेट, वृषण तथा हाथ - पाँव पर सूजन होने पर बहुत लाभदायक है।
मुख्य घटक - दशमूल, त्रिफला, कुड़े की छाल, मूर्वा, भारंगी, छतिबन, गजपीपल, अपामार्ग, अमलतास, कठगूलर की छाल, चिरायता, त्रिकुटा, चित्रक, निशोथ, पाठा, दारुहल्दी, कुटकी, यवासा, दंतिमूल, बच, नील पंचांग, वायविडंग, गिर गौ घृत, गौमय, गौ दुग्ध, गौदधि, गौमूत्र
उपयोग विधि - 1/2 से 1 छोटी चम्मच घृत मिश्री के साथ लेवें।
Benefits - Beneficial in dysentery, hysteria, decay, breathing, tumor, abdominal / abdominal pain. It is very beneficial for swelling of abdomen, testicles and hands and feet.
Main components - Dashmool, Triphala, Kude bark, Murva, Bharangi, Chhatiban, Gajpipal, Apamarg, Amaltas, Kathgular bark, Chirayata, Trikuta, Chitrak, Nishoth, Patha, Daruhaldi, Kutki, Yavasa, Dantimool, Bach, Neel Panchang, Vayvidang, Gir Cow Ghrita, Gaumaya, Cow Milk, Gauddhi, Cow Urine
Method of use - Take 1/2 to 1 tsp Ghrit with Mishri