पंचम मासानुमासिक कल्प (5th Masanumasik kalp)
पंचम मासानुमासिक कल्प (5th Masanumasik kalp)
मासानुमासिक कल्प - पंचम मास
लाभ :-
1. इस माह भ्रूण के सिर पर बाल उग आते हैं।
2. भ्रूण के पूरे शरीर में बाल उगते हैं जिसे लेनुगो कहा जाता है। जिसका कार्य भ्रूण की रक्षा करना होता है।
3. त्वचा, पारदर्शी और गुलाबी से लाल रंग में बदलने लगता है।
4. इस माह संवेदी - दृष्टि, श्रवण, स्वाद, घ्राण तथा स्पर्श का विकास होता है।
5. इस माह के अंतिम सप्ताह तक भ्रूण का विकास बहुत तेजी से होता है फलस्वरुप लंबाई 10 इंच एवं वजन 400 ग्राम के आसपास होता है।
6. विशेषताएं :-
(क).भ्रूण में हलचल होने लगता है जिसे "बेबी मूवमेंटस" कहा जाता है।
(ख). भ्रूण मां के पेट के अंदर मुक्का मारता है जिसे "बेबी किक" कहा जाता है।
(ग). होंठ अच्छे तरह से दिखाई देने लगता है।
7. पंचम मास का भ्रूण विकास की प्रक्रिया में मासानुमासिक की पंचम मास की औषधियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है
प्रयुक्त सामग्री -
1. बृहती ( बहेड़ा ) ,2. कंटकारी , 3. गम्भारी फल , 4.वट छाल ( बर छाल ) ,5. पीपल त्वचा 6. उदुम्बर त्वचा ( डुमर ) , 7. धागा मिश्री
सेवन विधि - बैधकीय परामर्श अनुसार अथवा
10 - 10 ग्राम सुबह - शाम दूध के साथ सेवन करें।
सावधानियां :-
1. नशा से दूर रहें ।
2. जंक फूड का परहेज करें।
3. कोल्ड ड्रिंक का परहेज करें।
4. अनार, अनानास, तथा कच्चा पपीता का सेवन ना करें।
5. बाई करवट लेकर सोयें।
Couldn't load pickup availability
