शतावरी घृत (Shatavari Ghrit)
शतावरी घृत (Shatavari Ghrit)
लाभ - क्षीण शुक्र रोगियों के लिए अत्यंत हितकर, बल, वर्ण, कांति एवं वीर्य वृद्धि में विशेष लाभकारी। योनिशूल, दाह, मूत्रकृच्छ एवं विशेषकर पैत्तिक योनिशूल शीघ्र नष्ट करता है।
मुख्य घटक - गिर गो घृत, गोदुग्ध, शतावरी, जीवक, ऋषभक, मेदा, महामेदा, काकोली, क्षीर काकोली, मुद्गपर्णी, माष्पर्णी, मुलेठी, सादा लाल चंदन, मुनक्का, विदारीकंद, मिश्री।
सेवन विधि - 5 से 10 ml घृत मिश्री के साथ लेवें, ऊपर से हल्का गर्म दूध पीयें अथवा चिकित्सीय परामर्शानुसार।
Benefits - Extremely beneficial for weak Venus patients, especially beneficial in increasing strength, complexion, radiance and semen. Quickly destroys vaginal colic, burning sensation, urine and especially gastric colic.
Main components - Gir Go Ghrita, Godugdh, Shatavari, Jeevak, Rishabhaka, Maida, Mahameda, Kakoli, Ksheer Kakoli, Mudgaparni, Mashparni, Mulethi, Plain red sandalwood, Munakka, Vidarikand, Mishri.
Method of intake - Take 5 to 10 ml Ghrit with Mishri, drink lukewarm milk on top or as per medical advice.